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− | ==تمہید==
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− | ===در معنی ربط فرد و ملت===
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− | فرد را ربط جماعت رحمت است<br>
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− | جوہر او را کمال از ملت است<br>
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− | تاتوانی با جماعت یار باش<br>
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− | رونق ہنگامہ ی احرار باش<br>
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− | حرز جان کن گفتہ ی خیرالبشر<br>
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− | ہست شیطان از جماعت دور تر<br>
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− | فرد و قوم آئینہ ی یک دیگرند<br>
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− | سلک و گوہر کہکشان و اخترند<br>
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− | فرد می گیرد ز ملت احترام<br>
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− | ملت از افراد می یابد نظام<br>
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− | فرد تا اندر جماعت گم شود<br>
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− | قطرہ ی وسعت طلب قلزم شود<br>
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− | مایہ دار سیرت دیرینہ او<br>
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− | رفتہ و آیندہ را آئینہ او<br>
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− | وصل استقبال و ماضی ذات او<br>
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− | چون ابد لا انتہا اوقات او<br>
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− | در دلش ذوق نمو از ملت است<br>
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− | احتساب کار او از ملت است<br>
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− | پیکرش از قوم و ہم جانش ز قوم<br>
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− | ظاہرش از قوم و پنہانش ز قوم<br>
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− | در زبان قوم گویا مے شود<br>
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− | بر رہ اسلاف پویا می شود<br>
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− | پختہ تر از گرمی صحبت شود<br>
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− | تا بمعنی فرد ہم ملت شود<br>
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− | وحدت او مستقیم از کثرت است<br>
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− | کثرت اندر وحدت او وحدت است<br>
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− | لفظ چون از بیت خود بیرون نشست<br>
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− | گوہر مضمون بجیب خود شکست<br>
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− | برگ سبزی کز نہال خویش ریخت<br>
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− | از بھاران تار امیدش گسیخت<br>
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− | ہر کہ آب از زمزم ملت نخورد<br>
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− | شعلہ ہای نغمہ در عودش فسرد<br>
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− | فرد تنہا از مقاصد غافل است<br>
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− | قوتش آشفتگی را مایل است<br>
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− | قوم با ضبط آشنا گرداندش<br>
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− | نرم رو مثل صبا گرداندش<br>
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− | پا بہ گل مانند شمشادش کند<br>
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− | دست و پا بندد کہ آزادش کند<br>
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− | چون اسیر حلقہ ی آئین شود<br>
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− | آہوی رم خوی او مشکین شود<br>
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− | تو خودی از بیخودی نشناختی<br>
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− | خویش را اندر گمان انداختی<br>
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− | جوہر نوریست اندر خاک تو<br>
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− | یک شعاعش جلوہ ی ادراک تو<br>
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− | عیشت از عیشش غم تو از غمش<br>
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− | زندہ ئی از انقلاب ہر دمش<br>
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− | واحدست و بر نمی تابد دوئی<br>
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− | من ز تاب او من استم تو توئی<br>
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− | خویش دار و خویش باز و خویش ساز<br>
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− | نازہا می پرورد اندر نیاز<br>
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− | آتشے از سوز او گردد بلند<br>
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− | این شرر بر شعلہ اندازد کمند<br>
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− | فطرتش آزاد و ہم زنجیری است<br>
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− | جزو او را قوت کل گیری است<br>
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− | خوگر پیکار پیہم دیدمش<br>
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− | ہم خودی ھم زندگی نامیدش<br>
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− | چون ز خلوت خویش را بیرون دہد<br>
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− | پای در ہنگامہ ی جلوت نہد<br>
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− | نقش گیر اندر دلش "او" می شود<br>
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− | "من" ز ھم می ریزد و "تو" می شود<br>
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− | جبر، قطع اختیارش می کند<br>
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− | از محبت مایہ دارش می کند<br>
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− | ناز تا ناز است کم خیزد نیاز<br>
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− | ناز ہا سازد بہم خیزد نیاز<br>
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− | در جماعت خود شکن گردد خودی<br>
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− | تا ز گلبرگی چمن گردد خودی<br>
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− | "نکتہ ہا چون تیغ پولاد است تیز<br>
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− | گر نمی فہمی ز پیش ما گریز"<br>
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