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− | ==حسن سیرت ملیہ از تأدب بہ داب محمدیہ است==
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− | ===در معنی اینکہ حسن سیرت ملیہ از تأدب بہ داب محمدیہ است===
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− | سائلے مثل قضاے مبرمے<br>
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− | بر در ما زد صدای پیہمی<br>
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− | از غضب چوبی شکستم بر سرش<br>
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− | حاصل دریوزہ افتاد از برش<br>
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− | عقل در آغاز ایام شباب<br>
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− | می نیندیشد صواب و ناصواب<br>
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− | از مزاج من پدر آزردہ گشت<br>
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− | لالہ زار چہرہ اش افسردہ گشت<br>
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− | بر لبش آہی جگر تابی رسید<br>
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− | در میان سینہ ی او دل تپید<br>
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− | کوکبے در چشم او گردید و ریخت<br>
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− | بر سر مژگان دمی تابید و ریخت<br>
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− | ہمچو آن مرغی کہ در فصل خزان<br>
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− | لرزد از باد سحر در آشیان<br>
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− | در تنم لرزید جان غافلم<br>
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− | رفت لیلای شکیب از محملم<br>
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− | گفت فردا امت خیرالرسل<br>
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− | جمع گردد پیش آن مولای کل<br>
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− | غازیان ملت بیضای او<br>
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− | حافظان حکمت رعنای او<br>
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− | ہم شہیدانی کہ دین را حجت اند<br>
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− | مثل انجم در فضای ملت اند<br>
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− | زاہدان و عاشقان دل فگار<br>
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− | عالمان و عاصیان شرمسار<br>
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− | در میان انجمن گردد بلند<br>
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− | نالہ ہای این گدای دردمند<br>
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− | اے صراطت مشکل از بے مرکبی<br>
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− | من چہ گویم چون مرا پرسد نبے<br>
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− | "حق جوانی مسلمی با تو سپرد<br>
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− | کو نصیبی از دبستانم نبرد<br>
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− | از تو این یک کار آسان ہم نشد<br>
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− | یعنی آن انبار گل آدم نشد"<br>
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− | در ملامت نرم گفتار آن کریم<br>
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− | من رہین خجلت و امید و بیم<br>
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− | اندکی اندیش و یاد آر اے پسر<br>
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− | اجتماع امت خیرالبشر<br>
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− | باز این ریش سفید من نگر<br>
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− | لرزہ ی بیم و امید من نگر<br>
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− | بر پدر این جور نازیبا مکن<br>
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− | پیش مولا بندہ را رسوا مکن<br>
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− | غنچہ ئی از شاخسار مصطفی<br>
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− | گل شو از باد بھار مصطفی<br>
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− | از بہارش رنگ و بو باید گرفت<br>
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− | بہرہ ئی از خلق او باید گرفت<br>
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− | مرشد رومی چہ خوش فرمودہ است<br>
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− | آنکہ یم در قطرہ اش آسودہ است<br>
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− | "مگسل از ختم رسل ایام خویش<br>
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− | تکیہ کم کن بر فن و بر گام خویش"<br>
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− | فطرت مسلم سراپا شفقت است<br>
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− | در جہان دست و زبانش رحمت است<br>
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− | آنکہ مہتاب از سر انگشتش دونیم<br>
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− | رحمت او عام و اخلاقش عظیم<br>
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− | از مقام او اگر دور ایستی<br>
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− | از میان معشر ما نیستی<br>
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− | تو کہ مرغ بوستان ماستی<br>
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− | ہم صفیر و ھم زبان ماستی<br>
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− | نغمہ ئی داری اگر تنہا مزن<br>
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− | جز بشاخ بوستان ما مزن<br>
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− | ہر چہ ہست از زندگی سرمایہ دار<br>
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− | میرد اندر عنصر ناسازگار<br>
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− | بلبل استی در چمن پرواز کن<br>
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− | نغمہ ئی با ھم نوایان ساز کن<br>
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− | ور عقاب استی تہ دریا مزی<br>
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− | جز بخلوت خانہ ی صحرا مزی<br>
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− | کوکبی ! می تاب بر گردون خویش<br>
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− | پا منہ بیرون ز پیرامون خویش<br>
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− | قطرہ ی آبی گر از نیسان بری<br>
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− | در فضای بوستانش پروری<br>
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− | تا مثال شبنم از فیض بہار<br>
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− | غنچہ ی تنگش بگیرد در کنار<br>
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− | از شعاع آسمان تاب سحر<br>
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− | کز فسونش غنچہ می بندد شجر<br>
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− | عنصر نم بر کشی از جوہرش<br>
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− | ذوق رم از سالمات مضطرش<br>
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− | گوہرت جز موج آبی ہیچ نیست<br>
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− | سعی تو غیر از سرابی ہیچ نیست<br>
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− | در یم اندازش کہ گردد گوہری<br>
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− | تاب او لرزد چو تاب اختری<br>
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− | قطرہ ی نیسان کہ مہجور از یم است<br>
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− | نذر خاشاکی مثال شبنم است<br>
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− | طینت پاک مسلمان گوہر است<br>
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− | آب و تابش از یم پیغمبر است<br>
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− | آب نیسانی بہ آغوشش در آ<br>
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− | وز میان قلزمش گوہر بر آ<br>
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− | در جہان روشن تر از خورشید شو<br>
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− | صاحب تابانی جاوید شو<br>
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