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− | '''محکمات عالم قرا نے: خلافت آدم'''
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− | در دو عالم ھر کجا آثار عشق
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− | ابن آدم سری از اسرار عشق
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− | سر عشق از عالم ارحام نیست
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− | او ز سام و حام و روم و شام نیست
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− | کوکب بے شرق و غرب و بے غروب
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− | در مدارش نے شمال و نے جنوب
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− | حرف انی جاعل تقدیر او
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− | از زمین تا آسمان تفسیر او
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− | مرگ و قبر و حشر و نشر احوال اوست
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− | نور و نار آن جہان اعمال اوست
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− | او امام و او صلوت و او حرم
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− | او مداد و او کتاب و او قلم
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− | خردہ خردہ غیب او گردد حضور
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− | نے حدود او را نہ ملکش را ثغور
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− | از وجودش اعتبار ممکنات
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− | اعتدال او عیار ممکنات
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− | من چہ گویم از یم بے ساحلش
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− | غرق اعصار و دہور اندر دلش
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− | آنچہ در آدم بگنجد عالم است
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− | آنچہ در عالم نگنجد آدم است
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− | آشکارا مہر و مہ از جلوتش
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− | نیست رہ جبریل را در خلوتش
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− | برتر از گردون مقام آدم است
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− | اصل تہذیب احترام آدم است
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− | زندگی اے زندہ دل دانی کہ چیست
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− | عشق یک بین در تماشای دوئی است
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− | مرد و زن وابستۂ یکدیگرند
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− | کائنات شوق را صورتگرند
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− | زن نگہدارندۂ نار حیات
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− | فطرت او لوح اسرار حیات
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− | آتش ما را بجان خود زند
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− | جوہر او خاک را آدم کند
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− | در ضمیرش ممکنات زندگی
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− | از تب و تابش ثبات زندگی
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− | شعلہ ئی کز وی شرر ہا در گسست
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− | جان و تن بے سوز او صورت نبست
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− | ارج ما از ارجمندیھای او
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− | ما ہمہ از نقشبندیھای او
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− | حق ترا داد است اگر تاب نظر
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− | پاک شو قدسیت او را نگر
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− | اے ز دینت عصر حاضر بردہ تاب
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− | فاش گویم با تو اسرار حجاب
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− | ذوق تخلیق آتشے اندر بدن
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− | از فروغ او فروغ انجمن
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− | ہر کہ بردارد ازین آتش نصیب
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− | سوز و ساز خویش را گردد رقیب
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− | ہر زمان بر نقش خود بندد نظر
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− | تا نگیرد لوح او نقش دگر
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− | مصطفی اندر حرا خلوت گزید
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− | مدتی جز خویشتن کس را ندید
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− | نقش ما را در دل او ریختند
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− | ملتی از خلوتش انگیختند
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− | می توانی منکر یزدان شدن
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− | منکر از شأن نبی نتوان شدن
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− | گرچہ داری جان روشن چون کلیم
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− | ہست افکار تو بے خلوت عقیم
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− | از کم آمیزی تخیل زندہ تر
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− | زندہ تر جویندہ تر یابندہ تر
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− | علم و ہم شوق از مقامات حیات
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− | ہر دو می گیرد نصیب از واردات
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− | علم از تحقیق لذت می برد
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− | عشق از تخلیق لذت می برد
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− | صاحب تحقیق را جلوت عزیز
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− | صاحب تخلیق را خلوت عزیز
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− | چشم موسی خواست دیدار وجود
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− | این ہمہ از لذت تحقیق بود
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− | لن ترانے نکتہ ہا دارد رقیق
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− | اندکے گم شو درین بحر عمیق
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− | ہر کجا بے پردہ آثار حیات
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− | چشمہ زارش در ضمیر کائنات
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− | در نگر ہنگامۂ آفاق را
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− | زحمت جلوت مدہ خلاق را
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− | حفظ ہر نقش آفرین از خلوت است
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− | خاتم او را نگین از خلوت است
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