|
|
Line 1: |
Line 1: |
− | <div dir ="rtl ">
| + | aaaa |
− | '''فلک قمر'''
| |
− | | |
− | این زمین و آسمان ملک خداست
| |
− | | |
− | این مہ و پروین ہمہ میراث ماست
| |
− | | |
− | اندرین رہ ہر چہ آید در نظر
| |
− | | |
− | با نگاہ محرمی او را نگر
| |
− | | |
− | چون غریبان در دیار خود مرو
| |
− | | |
− | اے ز خود گم اندکی بیباک شو
| |
− | | |
− | این و آن حکم ترا بر دل زند
| |
− | | |
− | گر تو گوئی این مکن آن کن،کند
| |
− | | |
− | نیست عالم جز بتان چشم و گوش
| |
− | | |
− | اینکہ ہر فردای او میرد چو دوش
| |
− | | |
− | در بیابان طلب دیوانہ شو
| |
− | | |
− | یعنی ابراہیم این بتخانہ شو
| |
− | | |
− | چون زمین و آسمان را طی کنی
| |
− | | |
− | این جہان و آن جہان را طی کنی
| |
− | | |
− | از خدا ہفت آسمان دیگر طلب
| |
− | | |
− | صد زمان و صد مکان دیگر طلب
| |
− | | |
− | بے خود افتادن لب جوی بہشت
| |
− | | |
− | بے نیاز از حرب و ضرب خوب و زشت
| |
− | | |
− | گر نجات ما فراغ از جستجوست
| |
− | | |
− | گور خوشتر از بہشت رنگ و بوست
| |
− | | |
− | اے مسافر جان بمیرد از مقام
| |
− | | |
− | زندہ تر گردد ز پرواز مدام
| |
− | | |
− | ہم سفر با اختران بودن خوش است
| |
− | | |
− | در سفر یک دم نیاسودن خوش است
| |
− | | |
− | تا شدم اندر فضاہا پی سپر
| |
− | | |
− | آنچہ بالا بود، زیر آمد نظر
| |
− | | |
− | تیرہ خاکی برتر از قندیل شب
| |
− | | |
− | سایۂ من بر سر من اے عجب
| |
− | | |
− | ہر زمان نزدیک تر نزدیکتر
| |
− | | |
− | تا نمایان شد کہستان قمر
| |
− | | |
− | گفت "رومی از گمانہا پاک شو
| |
− | | |
− | خوگر رسم و رہ افلاک شو
| |
− | | |
− | ماہ از ما دور و با ما آشناست
| |
− | | |
− | این نخستین منزل اندر راہ ماست
| |
− | | |
− | دیر و زود روزگارش دیدنی است
| |
− | | |
− | غارہای کوہسارش دیدنی است"
| |
− | | |
− | آن سکوت آن کوہسار ہولناک
| |
− | | |
− | اندرون پر سوز و بیرون چاک چاک
| |
− | | |
− | صد جبل از خافطین و یلدرم
| |
− | | |
− | بر دہانش درد و نار اندر شکم
| |
− | | |
− | از درونش سبزہ ئی سر بر نزد
| |
− | | |
− | طایری اندر فضایش پر نزد
| |
− | | |
− | ابر ہا بے نم، ہوا ہا تند و تیز
| |
− | | |
− | با زمین مردہ ئے اندر ستیز
| |
− | | |
− | عالم فرسودہ ئی بے رنگ و صوت
| |
− | | |
− | نے نشان زندگی در وی نہ موت
| |
− | | |
− | نے بنافش ریشۂ نخل حیات
| |
− | | |
− | نے بہ صلب روزگارش حادثات
| |
− | | |
− | گرچہ ہست از دودمان آفتاب
| |
− | | |
− | صبح و شام او نزاید انقلاب
| |
− | | |
− | گفت رومی "خیز و گامی پیش نہ
| |
− | | |
− | دولت بیدار را از کف مدہ
| |
− | | |
− | باطنش از ظاہر او خوشتر است
| |
− | | |
− | در قفار او جہانی دیگر است
| |
− | | |
− | ہر چہ پیش آید ترا اے مرد ہوش
| |
− | | |
− | گیر اندر حلقہ ہای چشم و گوش
| |
− | | |
− | چشم اگر بیناست ہر شی دیدنی است
| |
− | | |
− | در ترازوی نگہ سنجیدنی است
| |
− | | |
− | ہر کجا رومی برد آنجا برو
| |
− | | |
− | یک دو دم از غیر او بیگانہ شو"
| |
− | | |
− | دست من آہستہ سوی خود کشید
| |
− | | |
− | تند رفت و بر سر غاری رسید
| |