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− | '''حرکت بہ کاخ سلاطین مشرق نادر ابدالی سلطان شہید'''
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− | رفت در جانم صدای برتری
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− | مست بودم از نوای برتری
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− | گفت رومی "چشم دل بیدار بہ
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− | پا برون از حلقۂ افکار نہ
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− | کردہ ئی بر بزم درویشان گذر
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− | یک نظر کاخ سلاطین ہم نگر
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− | خسروان مشرق اندر انجمن
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− | سطوت ایران و افغان و دکن
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− | نادر آن دانای رمز اتحاد
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− | با مسلمان داد پیغام وداد
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− | مرد ابدالی وجودش آیتی
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− | داد افغان را اساس ملتی
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− | آن شہیدان محبت را امام
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− | آبروی ہند و چین و روم و شام
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− | نامش از خورشید و مہ تابندہ تر
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− | خاک قبرش از من و تو زندہ تر
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− | عشق رازی بود بر صحرا نھاد
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− | تو ندانی جان چہ مشتاقانہ داد
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− | از نگاہ خواجۂ بدر و حنین
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− | فقر سلطان وارث جذب حسین
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− | رفت سلطان زین سرای ہفت روز
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− | نوبت او در دکن باقے ہنوز"
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− | حرف و صوتم خام و فکرم ناتمام
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− | کی توان گفتن حدیث آن مقام
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− | نوریان از جلوہ ہای او بصیر
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− | زندہ و دانا و گویا و خبیر،
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− | قصرے از فیروزہ دیوار و درش
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− | آسمان نیلگون اندر برش
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− | رفعت او برتر از چند و چگون
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− | می کند اندیشہ را خوار و زبون
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− | آن گل و سرو و سمن آن شاخسار
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− | از لطافت مثل تصویر بھار
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− | ہر زمان برگ گل و برگ شجر
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− | دارد از ذوق نمو رنگ دگر
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− | اینقدر باد صبا افسونگر است
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− | تا مژہ برھم زنی زرد احمر است
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− | ہر طرف فوارہ ہا گوہر فروش
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− | مرغک فردوس زاد اندر خروش
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− | بارگاہے اندر آن کاخے بلند
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− | ذرہ او آفتاب اندر کمند
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− | سقف و دیوار و اساطین از عقیق
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− | فرش او از یشم و پرچین از عقیق
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− | بر یمین و بر یسار آن وثاق
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− | حوریان صف بستہ با زرین نطاق
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− | در میان بنشستہ بر اورنگ زر
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− | خسروان جم حشم بہرام فر
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− | رومی آن آئینۂ حسن ادب
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− | با کمال دلبری بگشاد لب
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− | گفت "مردی شاعری از خاور است
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− | شاعری یا ساحری از خاور است
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− | فکر او باریک و جانش دردمند
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− | شعر او در خاوران سوزی فکند"
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− | نادر
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− | خوش بیا اے نکتہ سنج خاوری
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− | اے کہ می زیبد ترا حرف دری
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− | محرم رازیم با ما راز گوے
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− | آنچہ میدانی ز ایران باز گوی
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− | '''زندہ رود'''
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− | بعد مدت چشم خود بر خود گشاد
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− | لیکن اندر حلقۂ دامی فتاد
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− | کشتۂ ناز بتان شوخ و شنگ
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− | خالق تہذیب و تقلید فرنگ
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− | کار آن وارفتۂ ملک و نسب
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− | ذکر شاپور است و تحقیر عرب
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− | روزگار او تہے از واردات
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− | از قبور کہنہ می جوید حیات
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− | با وطن پیوست و از خود در گذشت
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− | دل بہ رستم داد و از حیدر گذشت
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− | نقش باطل مے پذیرد از فرنگ
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− | سر گذشت خود بگیرد از فرنگ
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− | پیری ایران زمان یزد جرد
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− | چہرۂ او بے فروغ از خون سرد
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− | دین و آئین و نظام او کہن
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− | شید و تار صبح و شام او کہن
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− | موج مے در شیشۂ تاکش نبود
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− | یک شرر در تودۂ خاکش نبود
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− | تا ز صحرائی رسیدش محشری
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− | آنکہ داد او را حیات دیگری
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− | اینچین حشر از عنایات خداست
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− | پارس باقی، رومةالکبری کجاست
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− | آنکہ رفت از پیکر او جان پاک
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− | بے قیامت بر نمی آید ز خاک
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− | مرد صحرائی بہ ایران جان دمید
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− | باز سوی ریگزار خود رمید
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− | کہنہ را از لوح ما بسترد و رفت
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− | برگ و ساز عصر نو آورد و رفت
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− | آہ، احسان عرب نشناحتند
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− | از تش افرنگیان بگداختند
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