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− | '''ارواح فرعون و کشنر را'''
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− | فرورفتن بدریای زھرہ و دیدن ارواح فرعون و کشنر را
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− | پیر روم آن صاحب "ذکر جمیل"
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− | ضرب او را سطوت ضرب خلیل
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− | این غزل در عالم مستی سرود
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− | ہر خدای کہنہ آمد در سجود
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− | '''غزل'''
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− | باز بر رفتہ و آیندہ نظر باید کرد
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− | ہلہ بر خیز کہ اندیشہ دگر باید کرد
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− | عشق بر ناقۂ ایام کشد محمل خویش
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− | عاشقی راحلہ از شام و سحر باید کرد
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− | پیر ما گفت جہان بر روشی محکم نیست
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− | از خوش و ناخوش او قطع نظر باید کرد
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− | تو اگر ترک جہان کردہ سر او داری
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− | پس نخستین ز سر خویش گذر باید کرد
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− | گفتمش در دل من لات و منات است بسی
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− | گفت این بتکدہ را زیر و زبر باید کرد"
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− | باز با من گفت "بر خیز اے پسر
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− | جز بدامانم میاویز اے پسر
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− | آن کہستان آن جبال بے کلیم
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− | آنکہ از برف است چون انبار سیم
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− | در پس او قلزم الماس گون
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− | آشکارا تر درونش از برون
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− | نے بموج و نے بہ سیل او را خلل
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− | در مزاج او سکون لم یزل
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− | این مقام سر کشان زور مست
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− | منکران غایب و حاضر پرست
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− | آن یکی از شرق و آن دیگر ز غرب
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− | ہر دو با مردان حق در حرب و ضرب
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− | آن یکی بر گردنش چوب کلیم
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− | وان دگر از تیغ درویشی دو نیم
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− | ہر دو فرعون این صغیر و آن کبیر
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− | ہر دو در آغوش دریا تشنہ میر
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− | ہر کسے با تلخی مرگ آشناست
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− | مرگ جباران ز آیات خداست
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− | درپے من پا بنہ از کس مترس
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− | دست در دستم بدہ از کس مترس
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− | سینۂ دریا چو موسے بر درم
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− | من ترا اندر ضمیر او برم"
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− | بحر بر ما سینۂ خود را گشود
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− | یا ہوا بود و چو آبے وانمود
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− | قعر او یک وادی بیرنگ و بو
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− | وادے تاریکی او تو بہ تو
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− | پیر رومی سورۂ طہ سرود
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− | زیر دریا ماہتاب آمد فرود
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− | کوہہای شستہ و عریان و سرد
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− | اندر آن سر گشتہ و حیران دو مرد
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− | سوی رومی یک نظر نگریستند
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− | باز سوی یکدگر نگریستند
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− | گفت فرعون این سحر این جوی نور
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− | از کجا این صبح و این نور و ظہور
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− | '''رومی'''
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− | ہر چہ پنہان است ازو پیداستی
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− | اصل این نور از یدبیضاستی
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− | '''فرعون'''
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− | آہ نقد عقل و دین در باختم
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− | دیدم و این نور را نشناختم
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− | اے جھانداران سوی من بنگرید
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− | اے زیانکاران سوی من بنگرید
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− | واے قومی از ہوس گردیدہ کور
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− | می برد لعل و گہر از خاک گور
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− | پیکری کو در عجایب خانہ ایست
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− | بر لب خاموش او افسانہ ایست
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− | از ملوکیت خبرہا می دھد
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− | کور چشمان را نظرہا می دہد
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− | چیست تقدیر ملوکیت، شقاق
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− | محکمی جستن ز تدبیر نفاق
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− | از بد آموزی زبون تقدیر ملک
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− | باطل و آشفتہ تر تدبیر ملک
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− | باز اگر بینم کلیم اﷲ را
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− | خواھم از وی یک دل آگاہ را
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− | '''رومی'''
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− | حاکمی بے نور جان خام است خام
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− | بے یدبیضا ملوکیت حرام
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− | حاکمی از ضعف محکومان قویست
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− | بیخش از حرمان محرومان قویست
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− | تاج از باج است و از تسلیم باج
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− | مرد اگر سنگ است میگردد زجاج
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− | فوج و زندان و سلاسل رہزنی است
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− | اوست حاکم کز چنین سامان غنی است
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− | '''ذوالخرطوم'''
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− | مقصد قوم فرنگ آمد بلند
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− | از پی لعل و گہر گوری نکند
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− | سر گذشت مصر و فرعون و کلیم
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− | می توان دیدن ز آثار قدیم
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− | علم و حکمت کشف اسرار است و بس
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− | حکمت بے جستجو خوار است و بس
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− | '''فرعون'''
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− | قبر ما را علم و حکمت بر گشود
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− | لیکن اندر تربت مہدی چہ بود
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